सदस्य सचिव, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दृष्टिकोण के अनुरूप, अध्यापकों के लिए राष्ट्रीय व्यावसायिक मानक (एनपीएसटी), अध्यापकों की भूमिका और विकास को पुनः परिभाषित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इन मानकों को इस आशय से एक साझेदारीपूर्ण समझ के लिए तैयार किया गया है कि आज के विकसित होते शैक्षिक परिदृश्य में एक व्यावसायिक शिक्षक होने का क्या अर्थ है। एनपीएसटी, दक्षताओं, मूल्यों और व्यावसायिक आचरण के लिए स्पष्ट, प्रगतिशील मानदंडों को रेखांकित करके, अध्यापकों के लिए उनकी पूरी आजीविका के दौरान - नौसिखिए से लेकर विशेषज्ञ तक - निरंतर सीखने और विकास की उनकी यात्रा का मार्गदर्शन करते हुए एक गतिशील संदर्भ-बिंदु के रूप में कार्य करता है।
अध्यापकों के लिए राष्ट्रीय व्यावसायिक मानक (एनपीएसटी) मात्र एक नीति दस्तावेज़ नहीं है, अपितु इसका उद्देश्य अध्यापन व्यवसाय में उत्कृष्टता, नीतिपरक व्यवहार और जवाबदेही की संस्कृति को बढ़ावा देना है। यह सहायक संस्थागत पारिस्थितिकी तंत्र के महत्व को सुदृड़ करता है, जिसमें शिक्षकों का मार्गदर्शन किया जाता है, उन्हें प्रेरित किया जाता है और शिक्षार्थियों की विविध आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार किया जाता है।
यह मानते हुए कि शिक्षा में सार्थक परिवर्तन सशक्त शिक्षकों से शुरु होता है, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई), शिक्षकों, शैक्षणिक संस्थानों और राज्य प्राधिकरणों के सहयोग से कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि विभिन्न शैक्षणिक परिस्थितियों में इन मानकों को प्रासंगिक बनाया जा सके। हम एनपीएसटी को संवाद, सह-स्वामित्व और निरंतर क्षमता-निर्माण के माध्यम से एक व्यावसायिक और सम्मानित शिक्षण कार्यबल के निर्माण में आधारशिला के रूप में देखते हैं।
आइए, हम सब मिलकर एक ऐसे भविष्य के निर्माण की ओर आगे बढ़ें, जहां प्रत्येक अध्यापक सक्षम हो, प्रत्येक कक्षा समृद्ध हो तथा प्रत्येक शिक्षार्थी प्रेरित हो।
जय हिंद !