श्री धर्मेन्द्र प्रधान
माननीय शिक्षा मंत्री, कौशल विकास एवं उद्यमिता,
भारत सरकार
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 एक परिवर्तनकारी शैक्षिक प्रणाली की परिकल्पना करती है, जो शिक्षकों को प्रत्येक छात्र के लिए एक समावेशी और यथोचित शैक्षिक वातावरण तैयार करने के लिए मज़बूती प्रदान करती है। इस दृष्टिकोण के आधार सशक्त शिक्षक हैं।
यह नीति हमारे राष्ट्र के भविष्य को आकार देने में शिक्षकों द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता प्रदान करती है। इस दृष्टिकोण के साथ संरेखित करते हुए, राष्ट्रीय मेंटरिंग मिशन (एनएमएम) का लक्ष्य, भारत में सभी स्कूल शिक्षकों को परामर्शी सहायता प्रदान करना और परामर्शदाताओं का एक नेटवर्क तैयार करना है, जो शिक्षकों को उनकी शिक्षण पद्धतियों में सुधार करने और उनकी समग्र व्यावसायिक संवृद्धि एवं विकास के लिए सहयोग करेगा और उन्हें सशक्त बनाएगा। यह मिशन केवल सहयोग के बारे में नहीं है; यह क्षमता को उजागर करने से संबंधित है। कड़े और निरंतर परामर्श के माध्यम से, शिक्षक अपने छात्रों की शिक्षण की विविध जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने कौशल को विकसित और परिष्कृत करने में सक्षम होंगे, और उनके जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालेंगे।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने एनएमएम पर ब्लूबुक विकसित की है। यह व्यापक दस्तावेज़ एक मैनुअल से कहीं अधिक है; यह उत्कृष्टता की दिशा में आगे बढ़ने का एक रोडमैप है, जो शिक्षकों और परामर्शदाताओं दोनों के लिए स्पष्ट उद्देश्यों, प्रभावी कार्यनीतियों और व्यावहारिक दिशानिर्देशों की रूपरेखा प्रस्तुत करता है। यह हमारे शिक्षकों को 21वीं सदी के उन कौशलों से लैस करने के लिए एक संरचित ढांचा प्रदान करता है, जिन्हें उन्हें अपने छात्रों में विकसित करने की आवश्यकता है, जिससे एक ऐसी पीढ़ी का निर्माण हो, जो न केवल जीवित रहने के लिए, बल्कि उस गतिशील दुनिया, जो उनका इंतजार कर रही है, में फलने-फूलने के लिए तैयार हो ।
मैं इस पहल का नेतृत्व करने के लिए एनसीटीई की हार्दिक सराहना करता हूं। मुझे विश्वास है कि यह दस्तावेज़ शिक्षकों और परामर्शदाताओं के लिए एक समान, सीखने और सिखाने में उत्कृष्टता की ओर उनका मार्गदर्शन करते हुए एक मूल्यवान संसाधन के रूप में कार्य करेगा।